...

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जीवन संग्राम
चुनौतियों के बादल,
दें संदेश,चल तू सदा संभल।

आंधियां तेज़ रफ़्तार,
मत लगाना किसी को गुहार।

गमों की अठखेलियां,
न भरना कभी तू सिसकियाँ।

ये जीवन का संग्राम,
भुलाये करना देखो विश्राम।

चंद पलों का ये मेला,
सीखिए चलना, तू अकेला।

काँटे चाहे हों हज़ारों,
देखिए फूलों की ही बहारों।

© Navneet Gill