कच्चे इंसान
कहाँ की बात कहाँ ले जायेँ
ये इंसान हैं कच्चे बस बहते जाये,
कोई भी जल धारा समेटे इन्हें
कोई भी हवा साथ उड़ा कर ले जाये,
ये इंसान हैं कच्चे बस बहते जायेँ,
तेज़ शौर का वेग हैं ये एक जगह
कब टिक पाएं,
इधर उधर ढूंढो इन्हें तुम मगर ये
नज़र...
ये इंसान हैं कच्चे बस बहते जाये,
कोई भी जल धारा समेटे इन्हें
कोई भी हवा साथ उड़ा कर ले जाये,
ये इंसान हैं कच्चे बस बहते जायेँ,
तेज़ शौर का वेग हैं ये एक जगह
कब टिक पाएं,
इधर उधर ढूंढो इन्हें तुम मगर ये
नज़र...