...

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श्रृंगार
चलो आज प्रिय हम तुम्हे सजाते है ।
वो छोटी सी बिंदी
उसके बाद कुमकुम तुम्हे लगाते है ।
आओ प्रिय आज तुम्हे हम सजाते है ।
देखो वो आसमानी साड़ी के साथ
ये सुनहरे झुमके खूब जाते है ।
चलो प्रिय आज तुम्हे हम सजाते है ।
हा ज्यादा बोलो नहीं
चूड़ी हाथो में चढ़ाते है ।
उसके बाद कंगन तुम्हे पहनाते है ।
चलो प्रिय आज तुम्हे हम सजाते है ।
सुनो ये गालों की लाली
के साथ शर्माती निगाहे
उस पर हाय हम लूट जाते है।
चलो आज तुम्हे हम सजाते है ।
सुनो पैरो को दो हाथ में मेरे
पायल तुम्हे पहनाते है ।
और अलता तुम्हे लगाते है ।
चलो प्रिय आज तुम्हे हम सजाते है ।
लाओ हाथ मेंहदी उन पर हम लगाते है ।
और हा मांग टीका तुम्हे पहनाते है ।
आओ प्रिय तुम्हे हम सजाते है ।
तुम बस मेरी आखों में देखो ।
नजर का टीका तुम्हे लगाते है ।
दर्पण की जरूरत नही
तुम कैसी लग रही हो
चलो अपनी आखों से तुम्हे बताते है ।
चलो प्रिय आज तुम्हे हम सजाते है ।।

Kajal Pathak..


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