उधार का शरीर
परमात्मा ने हमें अपनी एक बेशकीमती चीज दी है ,वो क्या है आपलोग जानते हो वो है हमारी शरीर और उसमे एक नश्वर आत्मा जिसका अंत केवल उपर वाले के हाथों में है।
हम तो बस उसके कठपुतली हैं जो वो चाहता है वही होता है फिर वो सूर्य का उदय हो या तारों का चमकना सब उसके अनुरूप।
फिर भी हम मानव अपने इस उधार के शरीर और आत्मा की संतुष्टि के लिए दूसरों की आत्मा को ठेस पहुंचाते हैं। कभी किसी जानवर को या कभी किसी अपने ही तरह नश्वर आत्मा को।
हमारा उद्देश्य तो केवल ये होना चाहिए की हम इस शरीर और आत्मा को श्रेष्ठ ...
हम तो बस उसके कठपुतली हैं जो वो चाहता है वही होता है फिर वो सूर्य का उदय हो या तारों का चमकना सब उसके अनुरूप।
फिर भी हम मानव अपने इस उधार के शरीर और आत्मा की संतुष्टि के लिए दूसरों की आत्मा को ठेस पहुंचाते हैं। कभी किसी जानवर को या कभी किसी अपने ही तरह नश्वर आत्मा को।
हमारा उद्देश्य तो केवल ये होना चाहिए की हम इस शरीर और आत्मा को श्रेष्ठ ...