हमारे जीवन की अतरंगी दुनिया
क्या खूब ज़िन्दगी को लिखा है उसने,
हर मोड़ पर रोज़ नई यादों का एहसास करवाता है ये,
अपने सपनों के खातिर वो,
रोज़ मेहनत को सजाते है वो,
नई ख्वाहिश को सजाने के लिए,
क्या-क्या नहीं किया है उसने,
एक पल अपनों के साथ बिताने,
न वक़्त मिला है उसे ज़िन्दगी से,
न कुछ कर पाने की सोच,
ठान लिया जो गलत उसने,
खो दिए जो आत्मविश्वास...
हर मोड़ पर रोज़ नई यादों का एहसास करवाता है ये,
अपने सपनों के खातिर वो,
रोज़ मेहनत को सजाते है वो,
नई ख्वाहिश को सजाने के लिए,
क्या-क्या नहीं किया है उसने,
एक पल अपनों के साथ बिताने,
न वक़्त मिला है उसे ज़िन्दगी से,
न कुछ कर पाने की सोच,
ठान लिया जो गलत उसने,
खो दिए जो आत्मविश्वास...