सफ़र
यू ही जिंदगी का सफ़र चलता रहेगा
बस इतना याद रखिए
वो भी छूट जाएगा एक दिन जिसे रहबर समझ बैठे है
यहां कोई किसी का साथ उम्र भर नही देता
खुद अपनी राह के मुसाफिर बनो तो कोई बात हो
अपने ख्वाब अपने सिरहाने रख के सो जाना मगर
किसी और को मत समझो हमनवा अपना
समझो भी गर तो भी खुद पर यकीन रखना
ये भावनाओ का नही कारोबार का दौर है साहिब
बस इतना याद रखिए
वो भी छूट जाएगा एक दिन जिसे रहबर समझ बैठे है
यहां कोई किसी का साथ उम्र भर नही देता
खुद अपनी राह के मुसाफिर बनो तो कोई बात हो
अपने ख्वाब अपने सिरहाने रख के सो जाना मगर
किसी और को मत समझो हमनवा अपना
समझो भी गर तो भी खुद पर यकीन रखना
ये भावनाओ का नही कारोबार का दौर है साहिब