शिव शंभू
#प्रतिक्षा
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
महादेव नाचे गण क़ी टोली क़े
संग, करतें विष क़ा पान देवों
क़ो अमरता क़ा अमृत दिलाने
क़ो ,खोल देतें हैं तीसरा नेत्र
संसार सें पाप मिटाने क़ो
देखते नहीं जात ना गोत्र देव
ना असुर देखते हैं सच्ची भक्ति
सें ख़ुश होकर देतें हैं वरदान
मेरे भोलेनाथ हैं बड़े भोले
सब पर बरसाते हैं वों
अपना प्रेम
© Purnima rai
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
महादेव नाचे गण क़ी टोली क़े
संग, करतें विष क़ा पान देवों
क़ो अमरता क़ा अमृत दिलाने
क़ो ,खोल देतें हैं तीसरा नेत्र
संसार सें पाप मिटाने क़ो
देखते नहीं जात ना गोत्र देव
ना असुर देखते हैं सच्ची भक्ति
सें ख़ुश होकर देतें हैं वरदान
मेरे भोलेनाथ हैं बड़े भोले
सब पर बरसाते हैं वों
अपना प्रेम
© Purnima rai