झुट से ही सही
अस्तीत्व की पहचान करते
बरसो बीत गये...
अपने दील को झुट से ही सही
पर सम्भालते चले गये ।।१।।
डूब गई ओ सारी बाते जो
घंटो आखो मे सजाया करते थे
कभी रात दीन उनपे मरते थे
खोई उन बातो को आज
बडा याद करते है...
अपने दील को झुट से ही
सही पर सम्भालते चले गये ।।२।।
दीखावे की...
बरसो बीत गये...
अपने दील को झुट से ही सही
पर सम्भालते चले गये ।।१।।
डूब गई ओ सारी बाते जो
घंटो आखो मे सजाया करते थे
कभी रात दीन उनपे मरते थे
खोई उन बातो को आज
बडा याद करते है...
अपने दील को झुट से ही
सही पर सम्भालते चले गये ।।२।।
दीखावे की...