सब धरा का धरा रह जायेगा
#दिनांक:-28/5/2024
#शीर्षक:-सब धरा का धरा रह जायेगा
किस बात का घमंड है बन्दे,
जो सीरत से ज़्यादा सूरत पे इतराता है,
ये सिर्फ आकर्षण जवानी का है,
जो भूले की तरह शाम को घर आता है।
आज है शरीर सुंदरता पूरित,
कल मिट्टी में मिल जाएगा,
घमंड करके क्या पायेगा बंदे,
सब धरा का धरा रह जाएगा ।
मोह न कर...