...

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nhi सकता
जख्म दिल के किसी को दिखा नहीं सकता
दिया जो तूने मुझे है कभी भुला नहीं सकता

गुलों पे आया जो निखार बहारों के मौसम में
अब पतझड़ है , कोई फूल खिला नहीं सकता

नाउमीद नही रहता हूं वक्त मेरा भी आएगा
होनी तो होनी है उसको कोई टाल नहीं सकता

मेंरे इर्द गिर्द जो हुजूम मंडरा रहा है आज
मतलब निकलते ही साथ दिख नहीं सकता

बेच देते है ईमानो धर्म चंद सिक्कों की खातिर
ऐसा इंसान कभी किसी का सगा हो नहीं सकता

© शब्द सारथी