...

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नयी कोई भी बात नहीं
लबज‌् नहीं हैं अल्फाज‌् नहीं
सुर नहीं हैं साज‌् नहीं
वही पूरानी बातें हैं सब, नयी कोई भी बात नहीं।।

ये मेरा है वो तेरा है
ये उसका है वो इसका है
सब पाने की बस चाहत है खो जाने का एहसास नहीं ।।

नहीं हैं कुछ भी लेने को
छो‌ड़ यही‌ं सब जाने को
उलझे सब इस उलझन में, सूलझाने‌ं को कोई बात नहीं।।

तुम बैठे हो जिस दौलत पे
उसका भी कोई साथ नहीं
वही पूरानी बातें हैं सब, नयी कोई भी बात नहीं।।


© aham bramhasmi