काल दिन
सदमे ने दस्तक दिया ही की,ज्ञात हुआ,वो प्यार का याम था
कहीं जग में बढ़ रहा था,प्रेम,कहीं लोगों को काम बहुत था
आखिर वो अंक से गुजरी घड़ी,जब कई नेत्रों से पानी बहा
जेहरली नस्लो के कारण,वो जो थे,चले गए,पूरे जहाने कहा
जन्नत मिलेगी करके ये दुष्कर्म,वो सुनकर हुआ एक तैयार
उस वक्त की लगी ऐसी,हवा की,जैसे जेहन में लगी हो बयार
हस रहे थे कुछ,कुछ गाते हुए,आगे बढ़ा रहे थे, साथ सफर
जो दुनिया को दहला दिया,कुचल दिया, एक फूल का भवर
हमले तो अपने करते थे,यह तो घेरो का बिछाया जाल था
ना वो चाहकर,या हार...
कहीं जग में बढ़ रहा था,प्रेम,कहीं लोगों को काम बहुत था
आखिर वो अंक से गुजरी घड़ी,जब कई नेत्रों से पानी बहा
जेहरली नस्लो के कारण,वो जो थे,चले गए,पूरे जहाने कहा
जन्नत मिलेगी करके ये दुष्कर्म,वो सुनकर हुआ एक तैयार
उस वक्त की लगी ऐसी,हवा की,जैसे जेहन में लगी हो बयार
हस रहे थे कुछ,कुछ गाते हुए,आगे बढ़ा रहे थे, साथ सफर
जो दुनिया को दहला दिया,कुचल दिया, एक फूल का भवर
हमले तो अपने करते थे,यह तो घेरो का बिछाया जाल था
ना वो चाहकर,या हार...