समन्दर पार करने का प्रयास करता हूं,,,
राधा राणा की कलम से ✍️
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शहर-शहर,गली-गली ,तलाश करता हूं।
तेरे चेहरे को मैं अक्सर,याद करता हूं।
करना हो कुछ अगर,तो मैं सोचता नहीं,
अंज़ाम से हो बेफिक्र आग़ाज़ करता हूं।
पैरों तले...
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शहर-शहर,गली-गली ,तलाश करता हूं।
तेरे चेहरे को मैं अक्सर,याद करता हूं।
करना हो कुछ अगर,तो मैं सोचता नहीं,
अंज़ाम से हो बेफिक्र आग़ाज़ करता हूं।
पैरों तले...