क़ामयाबी का सफर
#WritcoPoemPrompt42
सपनों की उड़ान हो, या हो मेहनत की कहानी,
हर मोड़ पर इंतज़ार करती है क़ामयाबी रानी।
रातों की जागी आँखें, और दिन का संघर्ष,
जो कभी नहीं रुके, वो पा लेता है स्वर्ण।
हौंसलों की पतवार हो, उम्मीद की नाव,
डर को पीछे छोड़, तू कर आगे बढ़ने का चाव।
राह कठिन हो चाहे, कदम न...
सपनों की उड़ान हो, या हो मेहनत की कहानी,
हर मोड़ पर इंतज़ार करती है क़ामयाबी रानी।
रातों की जागी आँखें, और दिन का संघर्ष,
जो कभी नहीं रुके, वो पा लेता है स्वर्ण।
हौंसलों की पतवार हो, उम्मीद की नाव,
डर को पीछे छोड़, तू कर आगे बढ़ने का चाव।
राह कठिन हो चाहे, कदम न...