...

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इम्तहान सी जिदंगी
ये जिंदगी अब एक किताब बन गयी है
कागजो के तहत नई इतिहास बन रही है,
संघर्ष ऐसा जिसमे हर राह पर इम्तिहान
सी लग रही है,
मंजिले अभी वही आ रूकी है
ना जाने कैसा मोड है,ये जिंदगी का
जो हर पल सवाल किए जा रही है,
चाहती थी जवाब पर जिदंगी अब
बदल सी जा रही है,
राह के पथ पर चल कर खुद से
लडी जा रही हु।
कैसे कहूँ खुद से मै,जुड कर
फिर से बिखरी जा रही हु
बस कर ये जिंदगी,
कागजे भी कहने लगेगी,भर मत जिदंगी
के लेख क्योंकि ये जिंदगी की किताबे
तो ऐसे ही है,जो कभी बंद तो कभी
लिखी जा रही है,
ये वक्त ही ऐसा है,जो इम्तहान पर इम्तहान
लिए जा रही है।


- ANJU YADAV




© Anju Yadav