...

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बातें

बातें हो फिर से रात भर उनसे,
जिनसे अब बातें होती थोड़ी बोहोत है।
बातें कुछ अनसुनी सी बातें,
कुछ नई कुछ पुरानी सी बातें।।

करनी है पूरी वो अधुरी सी बातें,
अपनो से अपने दिल की बातें,
मानता था नही करनी होती दिल की बातें,
खोया अपनो को तो मालूम हुआ है,
दिल में छुपा कर कुछ नही पाया,
धोखा मिलता तो होता सही था,
जब जो हो रहा है वैसे मन उदास ना होता।।

पल दो पल में होगा क्या!
एक ओर जिंदगी चाहिए,
पूरी करने को अपनो से अपनी सी बातें।।

वो बातें जो कहीं घुम हो गई है,
वो बातें जो अनसुनी है,
वो बातें जो दिल ने कहीं है,
वो बातें जो दिल में कहीं छुपी है,
वो बातें जो सुननी है मुझको,
वो बातें जो कहनी है तुमको,
वो बातें जो कहीं घुम हो गई है।।

यादों की वो बातें,
जिनमे छुपे आंसू कईं है।
लम्हों की वो बातें,
जिनमे छुपी उनको फिर से जीने की ख्वाहिश कईं है।
बातों की वो बातें,
जिनमे छुपे जिंदगी जीने के अंदाज कईं है।।

जिंदगी की बातें,
अनसुनी सी बातें,
जिंदगी नही रहती तो भी याद रहती है उन अपनो की बातें,
बातें जो सुन कर की थी अनसुनी वो कानो मे क्यू गुंज रही है।।

बातें अच्छी संग बुरी भी करती है दुनिया,
होती है दुनिया नाम बदनाम करने में शामिल,
एक बात का दुनिया बतंगड़ बना देती है।
बातें हर कोई यहां पर है बनाए,
बारे में बनाए वो सह नही पाए।
कोई करे गुस्सा तो कोई जिंदगी से रुठ जाए,
सुनकर लगती है सच्ची सी बातें,
वही क्यू होती झूठी बातें है?

बातें बनाने से क्या जायेगा हमारा?
कुछ नही जायेगा तो बातें बनना क्यू चाहते हो,
बातों में छुपे ताने क्यू किसी को देना चाहते हो,
जिंदगी को कई लोगो ने बातों में छुपे ताने सुनकर हारा है।।

बातें करनी है तो करो,
अच्छी सी बातें,
सच्ची बातें ना सच्ची सी बातें।।

जो जिंदगी से रुठ जाते है,
उनके लिए कुछ हटकर बात कही है,
जब करते है कुछ हटकर तो,
कुछ बातें करती है दुनिया,
कुछ बातें बनाती है दुनिया,
सुन ताने अगर रुक जाए तो,
खुश होती है दुनिया।
बस बातें सुन दुनिया की रुकना नही है,
दुनिया झुलाएगी तो झुकना नही है,
फिर खुद झुक जाएगी दुनिया,
बातें फिर भी बनाएगी दुनिया,
झुकाना फिर भी चाहेगी दुनिया,
बस झुकना नही है रुकना नही है।
बातें तो बनाएगी ही दुनिया।।

जिंदगी मिलेगी कहां फिर से,
ज़ी लो खुश रहा कर ये जिंदगी,
बातें बनती है बनने दो।।

"कुछ और बातें...
बातें अनकही अनसुनी सी,
किन्ही लबों पर परियों की कहानी में,
कही किसी की आप बीती जुबानी में,

बातें सुलझे से मन की,
किसी दूसरे उलझे चितवन की,
बातें बदलते जीवन की,
दुख के सागर और खुशियों के उपवन की बातें।।
- Priyu Shukla "

Special thanks to Priyu Shukla

जिंदगी


© Devansh Baliyan