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वहीं है एक खिलौना टूटा हुआ ...
मेरे पङोस का वो घर
आज खाली हो गया था
कल तक जहाँ से
परिन्दों की चहचहाट सुनाइ दे रही थी
आज, खामोशी में लिपटा हुआ खङा था
उदास, गुमसुम चुपचाप सा....
कुछ शाम की उदासी
कुछ खाली घर की!
एक अजीब सी चुप्पी, एक अजीब सी निस्तब्धता
चारों ओर पसरी हुई थी......
वहां से गुजरते हुए
एकबारगी मैं ठिठक कर खङी हो गई हूँ
लगा जैसे अकेलेपन से लड़ते
हुए उस उदास से दरवाजे को
आदतन, एक दस्तक का इन्तज़ार हो
जी में आया, जाकर उसे सहला आऊं
उन दिवारों को थपथपा आऊं
जो कल तक
एक खिली धूप सा गुनगुना रहा था
उसे नहीं पता था
भोर, ले कर आएगी
उसके लिए
मन खाली खाली सा..........!!
🌸🌸🌸🌸
वहीं है एक खिलौना टूटा हुआ
वहीं है एक आँसु सना हुआ
वहीं है एक दुपहरी भुनी हुई
वही है एक तकदीर रुकी हुई..
-Aparna
आज खाली हो गया था
कल तक जहाँ से
परिन्दों की चहचहाट सुनाइ दे रही थी
आज, खामोशी में लिपटा हुआ खङा था
उदास, गुमसुम चुपचाप सा....
कुछ शाम की उदासी
कुछ खाली घर की!
एक अजीब सी चुप्पी, एक अजीब सी निस्तब्धता
चारों ओर पसरी हुई थी......
वहां से गुजरते हुए
एकबारगी मैं ठिठक कर खङी हो गई हूँ
लगा जैसे अकेलेपन से लड़ते
हुए उस उदास से दरवाजे को
आदतन, एक दस्तक का इन्तज़ार हो
जी में आया, जाकर उसे सहला आऊं
उन दिवारों को थपथपा आऊं
जो कल तक
एक खिली धूप सा गुनगुना रहा था
उसे नहीं पता था
भोर, ले कर आएगी
उसके लिए
मन खाली खाली सा..........!!
🌸🌸🌸🌸
वहीं है एक खिलौना टूटा हुआ
वहीं है एक आँसु सना हुआ
वहीं है एक दुपहरी भुनी हुई
वही है एक तकदीर रुकी हुई..
-Aparna
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