सर्जिकल स्ट्राइक
रौद्र रूप देख थर्रायी है,धरती पाकिस्तान की ।
कफ़न बाँध कर रण में उतरी,मिट्टी हिन्दुस्तान की ।
छेड़ रहे थे सिंहों को,थी चर्चा स्वाभिमान की ।
बालाकोट में गरज रही हैं,मूँछे हिंदुस्तान की ।
छेड़ रहे हो छेड़ो पर तुम,अपनी जद को भूलो ना ।
ज्वाला बनकर धधक...
कफ़न बाँध कर रण में उतरी,मिट्टी हिन्दुस्तान की ।
छेड़ रहे थे सिंहों को,थी चर्चा स्वाभिमान की ।
बालाकोट में गरज रही हैं,मूँछे हिंदुस्तान की ।
छेड़ रहे हो छेड़ो पर तुम,अपनी जद को भूलो ना ।
ज्वाला बनकर धधक...