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" कलम की जुबानी "
#विश्व_कविता_दिवस

" कलम की जुबानी "

कहती हूँ मैं अपने और जमाने की कहानी तो कभी पिरोकर शब्दों में कविता अपने कलम की जुबानी..!

कभी मधुर कभी खट्टी-मीठी कभी बेबाक कभी भीगे-भीगे और दर्द से भरे दिल के एहसास..!

कहती हूँ मैं उल्फ़त भरी राहों पर मस्ती तो कभी चुभने वाले जज़्बात कलम की जुबानी..!

सीधी और सच्ची भावना से ओतप्रोत कल्पना से परे, या भरे हुए तो कभी बयान किए हैं ख़ामोशी की चीख पुकार..!

कहती हूँ मैं अपने कलम की जुबानी..!

🥀 teres@lways 🥀