में और मेरे सपने
जल रहा हूं अंदर से,
सुलग रहा हूं
दबे हुए जज्बात उमड़ पड़ते हैं
कभी कभी
सपनो को दफन कर दिया हूं कब से।
दुनिया में दुनियादारी की होड़ मची है,
सहम जाता...
सुलग रहा हूं
दबे हुए जज्बात उमड़ पड़ते हैं
कभी कभी
सपनो को दफन कर दिया हूं कब से।
दुनिया में दुनियादारी की होड़ मची है,
सहम जाता...