ख्वाबों की पनाह!
चूम लेने दे अपनी आँखों को
दर्द में भी जो मुस्कुराती हैं
जिंदगी की ललक बढ़ाती है
आंच देती है सर्द रातों को
थाम लेने दे अपने हाथों को
जो दिल को मेरे संवारते हैं
मुझे खुशी से जो भर जाते है
पनाह देतीं...
दर्द में भी जो मुस्कुराती हैं
जिंदगी की ललक बढ़ाती है
आंच देती है सर्द रातों को
थाम लेने दे अपने हाथों को
जो दिल को मेरे संवारते हैं
मुझे खुशी से जो भर जाते है
पनाह देतीं...