...

32 views

हास्य कविता
आज फ़िर वही सवाल सुन ,
मेरा दिल... थर्राया है
"कैसी लग रही हूँ मैं?"
श्रीमतीजी ने फ़रमाया है
अजब कशमकश में हूँ,
दिमाग ने चक्कर खाया है
झूठ बोलूं तो नरक का डर,
'सच' जान पर बन आया है
नरक बाद में देख लेंगें,
अभी जीने का उपाय सुझाया है
मेकअप में चेहरा खोज के ,
नज़रों को वहीं जमाया है
"क्या ख़ूब लगती हो,जान!"
,झूठ अंदर से निकल के आया है
😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁
#डायरी के पन्नों से

© दीp