...

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ज़िन्दगी ढूंढ लेगी
ज़िन्दगी ढूंढ लेगी जीने की उस राह को
ज़रा सा आराम दो अपनी ये निगाह को

क्या पता, क्या होगा इस दुनिया में आगे
रंजिश की आग में चाहत रहा तबाह को

हर डगर जल रहा यहाँ जंग की हालत में
बेहाल इंसान ढूंढ रहा सुरक्षित जगह को

चीकने चिल्लाने की आवाज़ गूंज रही है
जो बचे है वो तरस रहा है एक पनाह को

अब बस भी करो ये ज़ुल्म-ओ-सितम को
कैसे रोक पाओगे मोहब्बत की प्रवाह को
© Raj
#shreerajmenon