घर
उस गली में एक मकान था पुराना..
बार्जे को रजनीगंधा के फूलों ने ढंक रखा है..
चौबारे पर कबूतरों ने डेरा बना लिया है..
ना जाने कितने सालों से यूंही खड़ा है..
जैसे कि बाहर की दुनिया से उसका कोई नाता नहीं...
क्या दिन हुआ करते थे वो भी...
जब सर्दियों में छत पे...
मखमली...
बार्जे को रजनीगंधा के फूलों ने ढंक रखा है..
चौबारे पर कबूतरों ने डेरा बना लिया है..
ना जाने कितने सालों से यूंही खड़ा है..
जैसे कि बाहर की दुनिया से उसका कोई नाता नहीं...
क्या दिन हुआ करते थे वो भी...
जब सर्दियों में छत पे...
मखमली...