Emptiness
बहुत विरानी सी हैं ये वादियां
हवाएं रूखी रूखी सी,
जिंदगी पिघल जाती है ढह जाती है आंखों से,
अब आंखों से बरसात बहुत अजीब होती हैं,
लिखने का अब मन नहीं करता,
लिखना सांस लेने जैसे था,
कलम को एहसास तेरा रहता है...
हवाएं रूखी रूखी सी,
जिंदगी पिघल जाती है ढह जाती है आंखों से,
अब आंखों से बरसात बहुत अजीब होती हैं,
लिखने का अब मन नहीं करता,
लिखना सांस लेने जैसे था,
कलम को एहसास तेरा रहता है...