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*बिखरी यादें *
#TranscendingGrief
एक सच वोह मंज़र ज़िंदगी का था।
corona का एक ज़माना था।।
ज़िंदगी से रुठ जाना था।
ना जाने कितने को हराना था।।
हाय !कितने अपने बिछड़ गए।
मौत के मंझधार में जो आना था।।
दर्द को सहना तो बस एक बहाना था।
हर तूफ़ान के बाद साहिल पे जो आना था।।
एक सच वोह मंज़र ज़िंदगी का था।
corona का एक ज़माना था।।
ज़िंदगी से रुठ जाना था।
ना जाने कितने को हराना था।।
हाय !कितने अपने बिछड़ गए।
मौत के मंझधार में जो आना था।।
दर्द को सहना तो बस एक बहाना था।
हर तूफ़ान के बाद साहिल पे जो आना था।।
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