Safar...
अपने गमों से अब बेज़ार नहीं हु मैं.
तेरी अजमाइशो से अब परेशान नहीं हु मै..
अपनी तमाम ख्वाइशों को कुर्बान कर दिया है मैंने...
शायद अब तेरी नजरों मे गुनाहगार नहीं हु मैं..!
सिख लिया है हालातों से जीने का सलीखा हमने,
यहां तक आकर...
तेरी अजमाइशो से अब परेशान नहीं हु मै..
अपनी तमाम ख्वाइशों को कुर्बान कर दिया है मैंने...
शायद अब तेरी नजरों मे गुनाहगार नहीं हु मैं..!
सिख लिया है हालातों से जीने का सलीखा हमने,
यहां तक आकर...