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कोई...... लिख रहा है!
कोई ख्वाबों के पुरे होने का एहसास लिख रहा है,
कोई हक़ीक़त की फ़िक्र लिख रहा है,
कोई प्यार पाने का सुकून लिख रहा है,
कोई दर्द से भरा जुनून लिख रहा है,
कोई उम्मीदों से बना बसेरा लिख रहा है,
कोई नादान ढलती शाम का पहरा लिख रहा है,
कोई खुद का बिखरा हुआ कल लिख रहा है,
कोई सम्भला हुआ आज लिख रहा है,
कोई रजत की तरह सिर्फ जज़्बात लिख रहा है,
कोई किसी से कह ना सका, वो हर बात लिख रहा है!!!
© Rajat
कोई हक़ीक़त की फ़िक्र लिख रहा है,
कोई प्यार पाने का सुकून लिख रहा है,
कोई दर्द से भरा जुनून लिख रहा है,
कोई उम्मीदों से बना बसेरा लिख रहा है,
कोई नादान ढलती शाम का पहरा लिख रहा है,
कोई खुद का बिखरा हुआ कल लिख रहा है,
कोई सम्भला हुआ आज लिख रहा है,
कोई रजत की तरह सिर्फ जज़्बात लिख रहा है,
कोई किसी से कह ना सका, वो हर बात लिख रहा है!!!
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