*तुम्हारा मुझसे लगाव भाता है मुझे,मगर तुम्हारी नादानी नही_
तुम्हारा मुझसे लगाव भाता है मुझे,
मगर तुम्हारी नादानी नही_
अब तुम कोई नौसिखिया तो नही,
जो तुम्हारी हर राहे हो सही_
आज मेरी सोहबत लगती तुम्हे खतरे की घडी,
भरोसे की कोई गुंजाईश न रखना चाहते मुझपे हू मै इतना अनाडी?
मै...
मगर तुम्हारी नादानी नही_
अब तुम कोई नौसिखिया तो नही,
जो तुम्हारी हर राहे हो सही_
आज मेरी सोहबत लगती तुम्हे खतरे की घडी,
भरोसे की कोई गुंजाईश न रखना चाहते मुझपे हू मै इतना अनाडी?
मै...