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रमजान माह
- मेरे मौला -
मेरी तस्वीर ये मेरा फोटो क्यों खींच लिया
इससे पहले मैंने दिलो में रहकर भी देख लिया
हर एक बात पर इल्जाम इतने सारे मिले
क्या मिला बेजुबा होकर भी देख लिया
मुझे ढूंडने की की तूने नाकाम कोशिशें
मैं था ही नहीं वहां जहां तुने देख लिया
कोई फरेब से मिला और कोई तरकीब से
सभी मैं ऐब थे मैने सारा जहां देख लिया
उसी की तलाश है वो ही बदलेगा मुक्कदर मेरा
अब तो मिल जा मेरे मौला तुझे कहा कहा न देख लिया
© Mr.Aksharjeet
मेरी तस्वीर ये मेरा फोटो क्यों खींच लिया
इससे पहले मैंने दिलो में रहकर भी देख लिया
हर एक बात पर इल्जाम इतने सारे मिले
क्या मिला बेजुबा होकर भी देख लिया
मुझे ढूंडने की की तूने नाकाम कोशिशें
मैं था ही नहीं वहां जहां तुने देख लिया
कोई फरेब से मिला और कोई तरकीब से
सभी मैं ऐब थे मैने सारा जहां देख लिया
उसी की तलाश है वो ही बदलेगा मुक्कदर मेरा
अब तो मिल जा मेरे मौला तुझे कहा कहा न देख लिया
© Mr.Aksharjeet
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