"कुछ ना पूछो"
ना कुछ पूछो!सच बात कहूं तो अब हो सकता है कि रो दूं मैं
हाल ए दिल से ही डरती हूं कि कहीं ख़ुद को ही ना खो दूं मैं.
इस आस में कि कोई तो वृक्ष बनकर सुकून की छाया देगा.
आख़िर दिल की ज़मीन पर उम्मीदों के...
हाल ए दिल से ही डरती हूं कि कहीं ख़ुद को ही ना खो दूं मैं.
इस आस में कि कोई तो वृक्ष बनकर सुकून की छाया देगा.
आख़िर दिल की ज़मीन पर उम्मीदों के...