रु बा रु ख़्वाब में जब हो जाता है वो......
ख़्वाब में जब रु बा रु हो जाता है वो ....
कुछ इस तरह से शिफ़ा बन जाता है वो...
सुकून इस क़दर रूह को दे जाता है वो...
लाख़ दर्द ही सही सब भुला जाता है वो...
याद हर याद में लिपटा हुआ चला आता है वो...
खुशी कुछ पल की ही सही सदियों की दे जाता है वो....
मुझ पर...
कुछ इस तरह से शिफ़ा बन जाता है वो...
सुकून इस क़दर रूह को दे जाता है वो...
लाख़ दर्द ही सही सब भुला जाता है वो...
याद हर याद में लिपटा हुआ चला आता है वो...
खुशी कुछ पल की ही सही सदियों की दे जाता है वो....
मुझ पर...