...

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The Individual : ek parinda
एक परिंदा था नन्हा सा,
उड़ना था वो सिख रहा,
वक़्त ना आया अनुकूल उसके,
धीमा सा वो पढ़ गया |

एक परिंदा था नन्हा सा,
चलते-चलते सोच गया,
यही चलता रहा समय अक्सर,
जीतेजी वो बोल गया ||

एक परिंदा था नन्हा सा,
सोते ही वो देख पड़ा,
उड़ना है उसकी काया,
जिसे वो भूल गया |||

एक परिंदा था नन्हा सा,
करते-करते सिख पड़ा,
जिसे भुला था कभी उसने,
आज वो करतब कर पड़ा ||||

एक परिंदा था नन्हा सा......
© Sarang Kapoor