...

11 views

आजादी हमने पाई थी
नेताजी ने अपनी चतुराई जब हिटलर को देख लाई थी
हिटलर ने हाथ मिलाया और आजादी हमने पाई थी
उन गोरों का घमंड कैसे तुमने चकनाचूर किया
मिसाल बने हमारी तुम अंधियारा हमसे दूर किया
कितनी बहने निर्वस्त्र हुई कितने मां-बाप निसंतान हुए
आप बने हमारे नायक आप वीर महान हुए
दुश्मन भी गुणगान करें जो तुमने लड़ी लड़ाई थी
कितनों ने सर कटवाये,कितने फांसी पर झूल गए
है चरखा सबको याद अभी पगड़ी जनेऊ और नारे भूल गए
जात पात ना देखा, तुमने सबके लिए लड़ी लड़ाई थी
हिटलर ने हाथ मिलाया और आजादी हमने पाई थी

© Rohit kumar Tiwari