कशमकश
मिटा दे जो ख़ामोशियां
अरमानों को, युँ अल्फाज़ कर दे
दिल कहता है, कुछ युँ कर इजहार
इश्क़ को अपने, तराना कर दे
ये अक्ल का बयां है, रिश्तों में
युँ ख़ुद-इख्तियारी ठीक नहीं
जो राज़दारी हो उस जानिब
तू भी, हालातों का बहाना कर दे
...
अरमानों को, युँ अल्फाज़ कर दे
दिल कहता है, कुछ युँ कर इजहार
इश्क़ को अपने, तराना कर दे
ये अक्ल का बयां है, रिश्तों में
युँ ख़ुद-इख्तियारी ठीक नहीं
जो राज़दारी हो उस जानिब
तू भी, हालातों का बहाना कर दे
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