क्यों दिया यह एहसास
क्यों दिया यह एहसास
कि कोई बन सकता है हमारा
फिर क्यों दि तक़रार
बेकार है जीना हमारा ।
जो लगते है प्यारे सपनें
उन्हें पाने कि राह बिकट क्यों बनाया
दिया तो तुने सारा जहाँ हमे नाम का
लेकिन यहाँ नही कोई किसी के काम का ?
जो मिलता है राह पर
सपने दिखाकर चला ज्याता है
बस ऐसे ही बीत जाएगी जिंदगी
ईस जल-जल मे जीना कहाँ मिलता है ।
कि कोई बन सकता है हमारा
फिर क्यों दि तक़रार
बेकार है जीना हमारा ।
जो लगते है प्यारे सपनें
उन्हें पाने कि राह बिकट क्यों बनाया
दिया तो तुने सारा जहाँ हमे नाम का
लेकिन यहाँ नही कोई किसी के काम का ?
जो मिलता है राह पर
सपने दिखाकर चला ज्याता है
बस ऐसे ही बीत जाएगी जिंदगी
ईस जल-जल मे जीना कहाँ मिलता है ।
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