कैसे बताऊँ
दूर जाने के उसके फैसले से मै सहमत तो नही था
पर दूर जाते हुए उसने एक बार मुझे देखा भी ना था
कैसे बताऊँ उसे मै उससे जुड़ा हुँ अलग नही हुँ
जो भी हुँ जैसा भी हुँ पर गलत भी नही हुँ
पता नही कहाँ कमी की मैंने कहाँ उसे मेरा प्यार कम दिखा था
वो छोड़ ना जाए इसलिए बयान उसे अपना हर दर्द किया था
काश उसे एहसास होता की क्या क्या सह जाता
हुँ एक उसकी नाराज़गी के डर से
हर रोज़ जी रहा हुँ जैसे मर मर के
मुझे समझ नही आता क्या सिला देना चाहता है यार वो मेरी चाहतों का
आखिर क्या वजह है उसकी मेरे लिए इतनी नफरतों का
© zehraan ali
पर दूर जाते हुए उसने एक बार मुझे देखा भी ना था
कैसे बताऊँ उसे मै उससे जुड़ा हुँ अलग नही हुँ
जो भी हुँ जैसा भी हुँ पर गलत भी नही हुँ
पता नही कहाँ कमी की मैंने कहाँ उसे मेरा प्यार कम दिखा था
वो छोड़ ना जाए इसलिए बयान उसे अपना हर दर्द किया था
काश उसे एहसास होता की क्या क्या सह जाता
हुँ एक उसकी नाराज़गी के डर से
हर रोज़ जी रहा हुँ जैसे मर मर के
मुझे समझ नही आता क्या सिला देना चाहता है यार वो मेरी चाहतों का
आखिर क्या वजह है उसकी मेरे लिए इतनी नफरतों का
© zehraan ali