...

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मां ने कहा है...
ख़ामोशी अच्छी है
दुनियां के बैगाने शोर से
लफ्ज़ समझ नहीं आते
बड़े सयाने लोग हैं
संस्कृत पढ़ते है
सीधी सरल भाषा के
दुश्मन ये लोग हैं
प्यार समझ नहीं आता
गुस्सा करने में माहिर ये लोग हैं
इनसे ना बोलना ही बेहतर पूजा
थोड़े कान के कच्चे ये लोग हैं
किसी की क्या मजबूरी माने ये
खुद पर बीते तब जाकर माने ये लोग
दुनिया भरम जान पड़ती है पूजा
जब दूसरों को रुलाने को स्वाभिमान माने ये लोग हैं
ये लोग ही जो रहने नहीं देते किसी को खुद में
और खुद में रहना कतई न जाने लोग हैं
अपने अलावा किसी और की कभी बात नहीं करनी पूजा
मां ने कहा है न खुदा से भी बेहतर जाने ये लोग हैं 🤸🤸🤸🤸


© 💞 पूजाप्रेम💞