मां ने कहा है...
ख़ामोशी अच्छी है
दुनियां के बैगाने शोर से
लफ्ज़ समझ नहीं आते
बड़े सयाने लोग हैं
संस्कृत पढ़ते है
सीधी सरल भाषा के
दुश्मन ये लोग हैं
प्यार समझ नहीं आता
गुस्सा करने में माहिर ये लोग हैं
इनसे ना बोलना ही बेहतर पूजा
थोड़े कान के...
दुनियां के बैगाने शोर से
लफ्ज़ समझ नहीं आते
बड़े सयाने लोग हैं
संस्कृत पढ़ते है
सीधी सरल भाषा के
दुश्मन ये लोग हैं
प्यार समझ नहीं आता
गुस्सा करने में माहिर ये लोग हैं
इनसे ना बोलना ही बेहतर पूजा
थोड़े कान के...