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नई आवाज
परेशानियों को जरा दिल से हटा कर देखो।
एक गुलिस्तां नया अपना बना कर देखो।
जो साथ थे कभी बिछड़ गये कम रफ्तारी से,
एक आवाज जरा उनको भी लगा कर देखो।
एक एक जुल्म को यूँ ना खामोशी से सहो,
अपने हाथों में जरा शमशीर उठाकर देखो।
लौट आयें शायद सदा सुन के तेरी,
जाने वाले को जरा दिल से बुलाकर देखो।
जमीं से "चंद्र" सितारों को मुसलसल देखा,
उतर के नभ पे कभी उनका नजारा देखो।
एक गुलिस्तां नया अपना बना कर देखो।
जो साथ थे कभी बिछड़ गये कम रफ्तारी से,
एक आवाज जरा उनको भी लगा कर देखो।
एक एक जुल्म को यूँ ना खामोशी से सहो,
अपने हाथों में जरा शमशीर उठाकर देखो।
लौट आयें शायद सदा सुन के तेरी,
जाने वाले को जरा दिल से बुलाकर देखो।
जमीं से "चंद्र" सितारों को मुसलसल देखा,
उतर के नभ पे कभी उनका नजारा देखो।
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