ग़ज़ल
राधा राणा की कलम से ✍️
सामने मुश्किल खड़ी हैं क्या करोगे।
सामना कैसे कहो इनका करोगे।
अब सियासत रास आने है लगी जब,
तुम भी कुर्सी के लिए झगड़ा करोगे।
धर्म के मसलें पे...
सामने मुश्किल खड़ी हैं क्या करोगे।
सामना कैसे कहो इनका करोगे।
अब सियासत रास आने है लगी जब,
तुम भी कुर्सी के लिए झगड़ा करोगे।
धर्म के मसलें पे...