प्रतिज्ञा - ना होंगे संक्रमित
कभी भीड़ से भरा शहर था मेरा,
यहां शोर के संग होता था सवेरा,
फिर आया एक वायरस कोरोना,
और डाल दिया उस ने यहां डेरा।
इस वायरस ने पूरे शहर को घेरा,
ज्यों शिकार पर निकला है बघेरा,
गिरफ्त में इसकी आने लगे लोग,
अब अगला नंबर हो सकता तेरा।
इस वायरस को पसंद है जमघट,
यह बस्ती को बना देता है मरघट,
गर बचना चाहते इसके प्रकोप से,
तो घर में रहो, जाओ भीड़ से...
यहां शोर के संग होता था सवेरा,
फिर आया एक वायरस कोरोना,
और डाल दिया उस ने यहां डेरा।
इस वायरस ने पूरे शहर को घेरा,
ज्यों शिकार पर निकला है बघेरा,
गिरफ्त में इसकी आने लगे लोग,
अब अगला नंबर हो सकता तेरा।
इस वायरस को पसंद है जमघट,
यह बस्ती को बना देता है मरघट,
गर बचना चाहते इसके प्रकोप से,
तो घर में रहो, जाओ भीड़ से...