क्या इश्क़ किया जाए ??
लफ़्ज़ों से क्या बयां करे गम को ,
तुम बस आंखो में देखो तो सही ।
जिस्म नहीं छुआ उसका कभी ,
बस होंठो को चूमा था हमने ।
कर दिए गए बदनाम ,
जिस्म का लगा दिया है इलज़ाम ,
अब किस्से करे इश्क़ इस इस ज़माने में ,
दर्द ही दर्द है इश्क़ के खज़ाने में ,
अंशु भी बहते ये बोल कर ,
हद से ज्यादा सताए गए है हम ।।
© world's write
तुम बस आंखो में देखो तो सही ।
जिस्म नहीं छुआ उसका कभी ,
बस होंठो को चूमा था हमने ।
कर दिए गए बदनाम ,
जिस्म का लगा दिया है इलज़ाम ,
अब किस्से करे इश्क़ इस इस ज़माने में ,
दर्द ही दर्द है इश्क़ के खज़ाने में ,
अंशु भी बहते ये बोल कर ,
हद से ज्यादा सताए गए है हम ।।
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