...

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मन्नत
कायदे से मिल जाती,
गर सबको अपनी मोहब्बत,
दुनिया में रांझा, फरहाद,
मजनू से दीवाने न होते,
आसानी से पूरी हो जाती,
हर एक मन्नत मंदिर में,
तो हर शहर, गली, नुक्कड़,
पर मयखाने न होते।
- राजेश वर्मा
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