बेबस मजदूर
एक मजदूर है, ओर मजबूर है
दर्द दिल मै छिपे, मुख भी बे नूर है
पैर चप्प्ल नहीं, तन है कपड़ो बिना
राह चलते चलो,घर बड़ी दूर है
भूख पीडित है हम, पर ना पानी मिला
पैर छाले पड़े, पर ना उनसे गिला
आओ देखो,...
दर्द दिल मै छिपे, मुख भी बे नूर है
पैर चप्प्ल नहीं, तन है कपड़ो बिना
राह चलते चलो,घर बड़ी दूर है
भूख पीडित है हम, पर ना पानी मिला
पैर छाले पड़े, पर ना उनसे गिला
आओ देखो,...