वेदना
ये #गीत नहीं अपितु #परिचय है....
आप सभी पढ़ें-गुनगुनाएँ और त्रुटियों से अवगत करायें 😊🙏👇👇
वेदना हिय में छिपा कर, मुस्कुराता हूँ सदा।
है यही अंदाज मेरा, है यही मेरी अदा।।
अश्रु पलकों में छिपे हैं, घाव उर घनघोर हैं।
राह में कब फूल दिखते, शूल ही चहुँओर हैं।।
चाहतें बिखरीं धरा पर, बह रही ज्यों नर्मदा।
वेदना हिय में...
आप सभी पढ़ें-गुनगुनाएँ और त्रुटियों से अवगत करायें 😊🙏👇👇
वेदना हिय में छिपा कर, मुस्कुराता हूँ सदा।
है यही अंदाज मेरा, है यही मेरी अदा।।
अश्रु पलकों में छिपे हैं, घाव उर घनघोर हैं।
राह में कब फूल दिखते, शूल ही चहुँओर हैं।।
चाहतें बिखरीं धरा पर, बह रही ज्यों नर्मदा।
वेदना हिय में...