स्मृतियाँ....
तुम्हारे साथ की वो सारी स्मृतियाँ
मेरे बाहों में हो जैसे
मानव भंगिमा के वो सभी कलाकृतियां
तुम्हारे होंठ, तुम्हारी बातें
भावनाओं से ओत...
मेरे बाहों में हो जैसे
मानव भंगिमा के वो सभी कलाकृतियां
तुम्हारे होंठ, तुम्हारी बातें
भावनाओं से ओत...