...

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yaad
की आज पूरा चाँद भी है, तारे भी है
और ये आसमा साफ भी है
गर जो तू नही तो,
तेरी याद भी है, मेरी फरयाद भी है
और तेरा जो चेहरा भूल गया हु मैं
अब लगता है कि वो चेहरा
कुछ कुछ याद भी है।
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