...

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दो पहलू जिंदगी के...
इक तरफ जीवन के इस पहलू मे,
बरसात अच्छी लगती है
गर्म पकौडो के संग चाय की चुस्की है
बालकनी मे बारिश की रिमझिम फुहार
संगीत सी गुनगुनाती है
बूंदो की बौछार दिल झूम के गाए गीत मल्हार
प्रफुल्लित मन खूबसूरत जिंदगी उंमग भरी लगती है।
और....
इक तरफ जीवन के इस पहलू मे,
घर की छत टपकती है
किसी कोने मे बडी मुश्किल से रोटियाँ सिकती है
हवा के तेज झोंको मे दाल आधी कच्ची और आधी सी पकती है
किसी तरह बस गुजर बसर कर रहा पूरा परिवार
कीचड पानी के गढ्ढो में से निकल कर जिंदगी युँही चलती है।
© #vineeta