जलधर
वृहत- व्योम विचरे जलधर ,
उर- प्रांजल में उमंग भर भर,
जनु बाल- वृंद क्रीड़ा-विनोद,
करने निकले हो सांझ- प्रहर।
विविध- विविध विस्तार, आकार,
प्रति उर...
उर- प्रांजल में उमंग भर भर,
जनु बाल- वृंद क्रीड़ा-विनोद,
करने निकले हो सांझ- प्रहर।
विविध- विविध विस्तार, आकार,
प्रति उर...