जाने दो
उंगलियों से फ़िसलती रेत को
तुम फ़िसल जाने दो
आँखें नम है दिल में गम
पर खुदको तुम मुस्कुराने दो
घायल हैं गर पँख तो
जख्मों को भर जाने दो
जो खो गया वो खो गया
जो हो गया वो हो गया
अब झरोखों से नयी धूप
तुम जरा आने दो
न ठहरो तुम कहीं हार के
खुदको नदियों सा बह जाने दो
तुम फ़िसल जाने दो
आँखें नम है दिल में गम
पर खुदको तुम मुस्कुराने दो
घायल हैं गर पँख तो
जख्मों को भर जाने दो
जो खो गया वो खो गया
जो हो गया वो हो गया
अब झरोखों से नयी धूप
तुम जरा आने दो
न ठहरो तुम कहीं हार के
खुदको नदियों सा बह जाने दो
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